सिद्धार्थ खेमका
रिटेल रिसर्च प्रमुख, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशिल सर्विसेज
भारतीय बाजार को मजबूत अर्थव्यवस्था, स्वस्थ कॉर्पोरेट आय (अर्निंग), कम उतार-चढ़ाव और एफआईआई की निरंतर खरीदारी का लाभ मिल रहा है।
बीते वित्त-वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में कंपनियों की आय (अर्निंग) प्रभावशाली रही है। निफ्टी की आय में वृद्धि दर बीती तिमाही में हमारे 14% के अनुमान की तुलना में 16% वार्षिक रही है। निफ्टी की प्रति शेयर आय (ईपीएस) 2021-22 में 34% की वृद्धि हुई थी। इस ऊँचे आधार के बावजूद 2022-23 में यह 11% बढ़ी है। हमारा अनुमान है कि 2023-24 में निफ्टी ईपीएस 20% की अच्छी वृद्धि के साथ 972 रुपये रहेगी। निफ्टी ईपीएस वित्त-वर्ष 2024-25 में 1100 रुपये रह सकती है।
इस साल अल नीनो प्रभाव के बावजूद भारतीय मौसम विभाग ने सामान्य मानसून रहने की भविष्यवाणी की है, जिससे कंपनियों की कमाई अच्छी रहने का अनुमान है। इस साल देश की जीडीपी वृद्धि दर 5.2% रह सकती है। भारतीय बाजारों को मानसून और भूराजनीतिक हालात चिंता में डाल सकते हैं। वैश्विक बाजारों की तुलना में भारतीय बाजारों का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहेगा। बाजार की संरचना सकारात्मक दिख रही है।
मेरे अनुमान से सेंसेक्स अगले छह महीने में 67,500 के आस-पास रह सकता है, जबकि निफ्टी इस दौरान 20,000 के स्तर पर पहुँच सकता है। वहीं साल भर में सेंसेक्स 74,000 और निफ्टी 22,000 पर पहुँचने की आशा है। (निवेश मंथन, जून 2023)