संजय सिन्हा
संस्थापक, साइट्रस एडवाइजर्स
हम अपने देश के शेयर बाजार में कई वर्षों की स्वर्णिम अवधि की ओर बढ़ रहे हैं। हालाँकि कभी-कभार झटके लगेंगे, जो बाजार को अस्थायी रूप से नीचे धकेलेंगे।
बाजार के लिए खुदरा निवेशकों की तरफ से होने वाला निवेश, जीडीपी वृद्धि दर और व्यापक अर्थव्यवस्था (मैक्रो) की स्थिरता बाजार के लिए सबसे सकारात्मक चीजें हैं। मगर मुद्रास्फीति, वैश्विक झटकों और राजनीतिक अनिश्चितता से बाजार नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकता है।
देश की विकास दर चालू वित्त वर्ष में 7% और अगले वित्त वर्ष में 7.5% रह सकती है। अगले 6 महीनों में कच्चा तेल और वैश्विक अर्थव्यवस्था बाजार के लिए अहम कारक रहेंगे। वैश्विक कारकों में भूराजनीति (जियोपॉलिटिक्स) का महत्वपूर्ण असर होने की संभावना है। रिजर्व बैंक अभी लगभग 9 महीनों तक अपनी दरें स्थिर बनाये रख सकता है।
इस साल दिसंबर तक सेंसेक्स 75,000 और निफ्टी 22,000 तक जा सकता है। वहीं जून 2024 तक सेंसेक्स का लक्ष्य 80,000 और निफ्टी का लक्ष्य 23,750 का बन रहा है। (निवेश मंथन, जून 2023)