राजेश तांबे
संस्थापक, नोमाडजिला फाइनेंशियल्स
देश बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और हम विश्व में बड़ी ताकत बनेंगे।
बाजार के लिए सकारात्मक बातें ये हैं कि निवेश शुरू हो रहा है और खपत फिर से पटरी पर लौट रही है। ये बाजार के लिए अच्छे संकेत हैं। चिंता हमारे लिए बस यही है कि अमेरिका और यूरोप में संकट है। यूक्रेन और रूस के युद्ध से भी हमें कोई दिक्कत नहीं हुई। हमने तो सस्ते में तेल लिया ही है। वहीं इसके चलते 18 देशों के साथ रुपये में कारोबार (रूपी ट्रेड) शुरू हो गया है।
किसी वैश्विक कारक के चलते हमारी गाड़ी नहीं रुकने वाली है। अमेरिकी मंदी हमें बहुत प्रभावित नहीं करती, क्योंकि हमारी घरेलू माँग बहुत बड़ी है। इसलिए कोई बाहरी कारक हमें बहुत प्रभावित नहीं करता। अगर वैश्विक माहौल बेहतर होता है तो यह हमारे लिए और अच्छा होगा कि हमारा निर्यात कुछ तेज हो जायेगा।
राज्यों के विधान सभा चुनावों का भी बाजार पर ऐसा कोई असर पड़ने की संभावना नहीं लगती है। लोक सभा चुनाव हमारे लिए जरूर महत्वपूर्ण होंगे। वहीं महँगाई पर जरूर नजर रखनी होगी। आरबीआई की ओर से ब्याज दरें घटने की प्रक्रिया अगले छह महीने में शुरू हो सकती है, जब कमोडिटी कीमतें नीचे आने लगेंगी और महँगाई में भी कमी आ जायेगी।
विमानन, आतिथ्य (हॉस्पिटैलिटी), रेस्तरां और पर्यटन ऐसे क्षेत्र हैं, जो अगले 12 महीनों में बाजार से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। अगले छह महीने में सेंसेक्स 70,000 से कुछ नीचे, लगभग 69,000 पर रह सकता है। वहीं साल भर में यह लगभग 77,000 पर पहुँच सकता है। (निवेश मंथन, जून 2023)