जगदीश वी. ठक्कर
निदेशक, फॉर्च्यून फिस्कल
भारतीय बाजार की चाल 2025 तक ज्यादा तेज बनी रहेगी और उसके बाद यह विश्व का नेतृत्व करेगा।
रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह, अनुकूल मानसून, कंपनियों के नतीजे और एफआईआई का निवेश प्रवाह भारतीय बाजार के लिए प्रमुख सकारात्मक बातें हैं। लेकिन यदि रूस-यूक्रेन युद्ध खराब मोड़ लेने लगे, भारत-चीन या भारत-पाक सीमा पर तनाव बढ़े या राजनीतिक असंतुलन पैदा हो तो यह बाजार के लिए नकारात्मक होगा।
देश की जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त-वर्ष 2023-24 में 7.1% और 2024-25 में 7.4% रह सकती है। अमेरिका में मंदी आती है या नहीं, इसका भारतीय बाजार पर अगले छह महीनों में सबसे अधिक असर हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक नवंबर 2023 तक ब्याज दरें स्थिर रख सकता है और दिसंबर से इसमें कटौती शुरू हो सकती है।
अगले छह महीने में सेंसेक्स 67,000 और निफ्टी 20,000 के स्तर पर पहुँच सकते हैं। एक साल के दौरान सेंसेक्स 70,000 और निफ्टी 20,500 तक जा सकते हैं। (निवेश मंथन, जून 2023)