दीन दयाल शर्मा
सीएमडी, रिस्क कैपिटल एडवाइजरी
'चीन प्लस" के चलते भारी पूँजीगत व्यय (कैपेक्स) की योजनाएँ बनना बाजार के लिए काफी सकारात्मक है।
चालू वित्त-वर्ष में देश की जीडीपी 7% पर रह सकती है और 2024-25 में इसके 7.5% पर पहुँचने का अनुमान है। पर भारतीय बाजार के लिए वैश्विक भूराजनीतिक हालात चिंता का सबब बन सकते हैं। एक साल में भारतीय बाजारों का प्रदर्शन वैश्विक बाजारों के मुकाबले उम्मीद से बेहतर रह सकता है। अगले छह महीने में भारतीय बाजार के लिए जो बात अहम लगती है, वह है महँगाई दर और ब्याज दरें। इस दौरान वैश्विक कारकों में अमेरिकी अर्थव्यवस्था का परिदृश्य महत्वपूर्ण होगा। कुल मिला कर भारतीय बाजार के लिए हमारा नजरिया सकारात्मक है।
अगले छह महीने में सेंसेक्स 68,000 पर और निफ्टी 20,000 पर आ सकते हैं। एक साल की अवधि में सेसेक्स 70,000 पर, जबकि निफ्टी 21,000 के स्तर पर रह सकते हैं। (निवेश मंथन, जून 2023)