वाहन उद्योग की संस्था सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के आँकड़ों के अनुसार वित्त-वर्ष 2022-23 में भारत के यात्री वाहनों की बिक्री में 26.7% की वृद्धि हुई। चिप की कमी में सुधार और स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) की माँग में वृद्धि से यात्री वाहनों की बिक्री में अच्छी दर्ज की गयी है।
थोक यात्री वाहनों की बिक्री 2021-22 के 31 लाख वाहनों से बढ़ कर 39 लाख हो गयी। ऑटो बिक्री भारत में निजी खपत का आकलन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रमुख संकेतकों में से एक है। ऐसा इसलिए क्योंकि आर्थिक विकास की गणना में इसका हिस्सा 50% से अधिक रहता है।
2022-23 के दौरान उच्च मुद्रास्फीति के बावजूद बेहतर चिप आपूर्ति, उच्च आय और रुकी हुई माँग (विशेष रूप से एसयूवी के लिए) से भारतीय वाहन निर्माताओं को बिक्री बढ़ाने में मदद मिली। वहीं नये ईंधन उत्सर्जन मानदंडों के लागू होने से पहले लोगों द्वारा की गयी खरीदारी और त्योहारी मौसम के दौरान मजबूत माँग ने भी पूरे साल में बिक्री को काफी बढ़ावा दिया।
सियाम के अनुसार यात्री वाहनों की घरेलू थोक बिक्री मार्च 2023 में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 4.7% बढ़ कर 2,92,030 इकाई हो गयी। पिछले साल मार्च में यात्री वाहनों की थोक बिक्री 2,79,525 इकाई थी। मार्च में घरेलू बाजार में दोपहिया वाहनों की बिक्री 12,90,553 इकाई रही, जबकि पिछले साल मार्च में यह 11,98,825 इकाई रही थी। कुल वाहनों की थोक बिक्री मार्च में 16,37,048 इकाई रही, जबकि एक साल पहले यह 15,10,534 इकाई थी।
वित्त-वर्ष 2022-23 में यात्री वाहनों की घरेलू थोक बिक्री 38,90,114 इकाई रही, जो 2021-22 में 30,69,523 इकाई रही थी। बीते वित्त-वर्ष में दोपहिया वाहनों की थोक बिक्री 1,58,62,087 इकाई रही, जो 2021-22 में 1,35,70,008 इकाई रही थी। कुल वाहनों की बिक्री 1,76,17,606 इकाइयों से बढ़ कर 2,12,04,162 इकाई पर पहुँच गयी। (निवेश मंथन, अप्रैल 2023)