ऐड-टेक, डिजिटल विज्ञापनों और न्यू-मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय कंपनी ब्राइटकॉम ग्रुप लिमिटेड (बीजीएल) को बाजार नियामक सेबी से एक बड़ा झटका लगा है।
सेबी ने एकाउंटिंग में घपले के आरोपों पर इस कंपनी के विरुद्ध एक अंतरिम आदेश और कारण बताओ नोटिस जारी किया है। हैदराबाद स्थित इस कंपनी के साथ-साथ इसके चेयरमैन एवं एमडी सुरेश कुमार रेड्डी, विजय कंचरला, येराडोड्डी रमेश रेड्डी और वाई श्रीनिवास राव को नोटिस जारी किया गया है।
सेबी ने नियमों का अनुपालन नहीं करने और मानदंडों का उल्लंघन करने के आरोपों में ब्राइटकॉम के विरुद्ध यह कार्रवाई की है। सेबी के अनुसार कंपनी ने 2014-15 से 2019-20 के वित्त-वर्षों में अपने बही-खातों में खर्चों को कम करके और मुनाफे को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया है। सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में बीजीएल की विदेशी सहायक कंपनियों (सब्सीडियरी) के बही-खातों में कमियों का जिक्र किया है। यह मुख्य रूप से वित्त-वर्ष 2019-20 में 868.30 करोड़ रुपये की संपत्ति की हानि से संबंधित है। महत्वपूर्ण बात यह है कि संभवतः किसी कंपनी के बही-खातों में गड़बड़ी की विस्तृत जाँच को लेकर सेबी की यह पहली कार्रवाई है।
बाजार नियामक ने अपने अंतरिम आदेश में उपरोक्त चारों व्यक्तियों पर अगले आदेश तक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कंपनी में अपने शेयरों को बेचने, किसी तरह से निपटाने या हिस्सेदारी घटाने से रोक दिया गया है। सेबी का यह आदेश 13 अप्रैल 2023 को आने के बाद से ब्राइटकॉम के शेयरों में भारी गिरावट देखी गयी। इसका शेयर 13 अप्रैल को 5% के निचले सर्किट पर रहते हुए 15.42 रुपये पर बंद हुआ। उसके बाद लगातार पूरे अप्रैल में निचले सर्किट पर ही गिरता रहा और 28 अप्रैल को 9.27 रुपये पर आ गया। इससे पहले भी ब्राइटकॉम का शेयर भारी उतार-चढ़ाव दिखाता रहा है। यह 5 जून 2021 के निचले स्तर 4.58 रुपये (समायोजित भाव) से बढ़ कर 24 दिसंबर 2021 को 122.88 रुपये की ऊँचाई तक चला गया था, यानी केवल साढ़े सात महीने में 35 गुणा से अधिक हो गया था। वहाँ से गिरते हुए यह अब दोबारा 10 रुपये के नीचे है। (निवेश मंथन, अप्रैल 2023)