राजीव रंजन झा :
जून 2017 के शुरुआती तीन हफ्तों में भारतीय शेयर बाजार मजबूत तो बना रहा, पर नयी ऊँचाइयों की ओर जाने में यह एक हिचक भी दिखाता रहा।
एक तरह से कह सकते हैं कि यह ऊपरी स्तरों पर टिकने की एक कोशिश करता रहा। हालाँकि इसी दौरान 22 जून को सेंसेक्स ने 31,523 का नया उच्चतम स्तर भी जरूर छुआ, मगर उसके बाद कुछ मुनाफावसूली बाजार पर हावी हो गयी। इस मुनाफावसूली में सेंसेक्स 30 जून तक 30,681 के स्तर तक फिसला। यह जीएसटी लागू होने से ठीक पहले का दिन था।
पर जीएसटी लागू होने के साथ ही जुलाई के पहले हफ्ते में बाजार ने गिरावट का रुझान पलट लिया है। क्या अब यह फिर से नयी ऊँचाइयों को छूने के लिए तैयार है? मैंने अप्रैल 2017 के अंक में सेंसेक्स का अगला लक्ष्य 32,300 बताया था और पिछले अंक में भी लिखा था कि बाजार की चाल अभी जिस रफ्तार में है, उससे लगता है कि हम जल्दी ही सेंसेक्स को इस लक्ष्य तक पहुँचते देख सकते हैं। यह आकलन अब भी कायम है।
पिछले अंक में मैंने लिखा था कि ‘मोटे तौर पर अभी सेंसेक्स के लिए 30,600 और निफ्टी के लिए 9,500 के पास अच्छा सहारा है। अगर किसी उतार-चढ़ाव में ये स्तर कट भी जाये तो सेंसेक्स के 30,000 के स्तर पर काफी मजबूत सहारा रहेगा।‘ जून में सेंसेक्स ने अपने पहले समर्थन स्तर को ही पूरा सम्मान दिया और 30,600 के ऊपर से ही पलटा है। निफ्टी ने भी 30 जून को 9,500 के कुछ नीचे ही 9,449 का स्तर छूने के बाद वापसी की है।
मैंने सेंसेक्स के लिए 32,300 का लक्ष्य फरवरी-सितंबर 2016 में आयी उछाल की बराबरी करने के आधार पर सामने रखा था। उस दौरान 6,582 अंक की उछाल की बराबरी करते हुए अगर सेंसेक्स दिसंबर 2016 के अंतिम हफ्ते में 25,754 पर बनी तलहटी से करीब 6,600 अंक की उछाल हासिल करता है तो यह करीब 32,350 तक पहुँचेगा।
यही लक्ष्य हमें ज्यादा लंबी अवधि की एक दूसरी संरचना से भी मिलता है। सेंसेक्स ने 28 अगस्त 2013 को 17,449 के निचले स्तर से चल कर 4 मार्च 2015 को 30,025 का नया शिखर बनाया था। यह उछाल 12,576 अंकों की थी। इसके बाद यह फिसल कर 29 फरवरी 2016 को 22,495 तक गया। इस तलहटी-शिखर-तलहटी की संरचना में 80% विस्तार (प्रोजेक्शन) 32,555 पर है। कभी-कभी 76% विस्तार पर ही बाधा मिल जाती है और यह स्तर 32,000 के पास है। इसलिए मोटे तौर पर 32,000-32,500 का एक दायरा मिलता है, जो अगला स्वाभाविक लक्ष्य है।
इस संरचना में 100% विस्तार 35,070 पर पहुँचता है। यानी जब सेंसेक्स 32,500 के लक्ष्य को पार करके आगे बढ़ेगा तो उसके बाद 35,000 का अगला बड़ा लक्ष्य बनता है। सेंसेक्स की अगस्त 2013 से मार्च 2015 तक की चाल लगभग डेढ़ साल की थी। मगर 29 फरवरी 2016 से शुरू होने वाली चाल अपने सवा साल पूरे कर चुकी है। यह चाल 2013-15 जितनी तेजी से आगे नहीं बढ़ रही है।
तो फिर 35,000 के लक्ष्य तक पहुँचने का समय क्या हो सकता है? आम तौर पर मैं लक्ष्य पूरा होने के समय की चर्चा नहीं करता, क्योंकि बाजार किसी लक्ष्य तक पहुँचने की रफ्तार बदलता रहता है। लेकिन अभी समय के दो पड़ाव मेरे ध्यान में आ रहे हैं। एक तो आगामी बजट का समय है, जब जीएसटी लागू होने और अच्छे मॉनसून का असर काफी हद तक दिख चुका होगा। वैसे यह 2019 के लोकसभा चुनाव से करीब एक साल पहले का बजट होगा, जिसमें सरकार की ओर से साहसिक कदमों की उम्मीद कम होगी। लेकिन अगर बजट बाजार को ज्यादा ही पसंद आया तो संभव है कि 35,000 का लक्ष्य बजट के आसपास ही पूरा हो जाये।
समय का अगला बड़ा पड़ाव 2019 के लोकसभा चुनाव के आसपास का होगा। अगर चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में भाजपा को अच्छी बढ़त मिलती दिखाई दे तो उस समय, या फिर चुनावी परिणामों में भाजपा को अच्छी सफलता मिलने की सूरत में परिणाम घोषित होने के बाद सेंसेक्स इस लक्ष्य को छू सकता है।
(निवेश मंथन, जुलाई 2017)