अगर आप सोच रहे हैं कि जीएसटी सिर्फ कारोबारी का सिरदर्द है, तो आपके लिए कहानी में एक मोड़ है।
कारोबारी हो या उपभोक्ता, इसका असर पड़ेगा सबकी जेब पर। लेकिन कुछ गम होंगे तो हिस्से में कुछ खुशी भी आयेगी। कार, बाइक समेत कई सामान सस्ते हो जायेंगे, लेकिन फोन बिल, बीमा बिल, गहने, घडिय़ाँ और फर्नीचर जैसी चीजें महँगी हो जायेंगी।
जीएसटी के असर से कोई नहीं बचेगा
यह अच्छी तरह जान लीजिए कि आप जीएसटी को समझें या ना समझें, पर उसके असर से आप नहीं बच पायेंगे। इससे मकान और दुकान से लेकर कार, बाइक, फ्रिज, टीवी और एयरकंशीनर तक हर सामान पर कुछ ना कुछ असर पड़ेगा। कई चीजों के दाम बढ़ेंगे तो कुछ सामान सस्ते भी होंगे। एक मध्यमवर्गीय परिवार, जिसकी महीने भर की कमाई 75,000 से एक लाख रुपये के आसपास है, उसे अब अपने बजट और खरीदारी के तरीके में बदलाव करना होगा। मुमकिन है कि उन्हें अपने खान-पान का तरीका भी बदलना पड़े। ऐसे परिवार का बजट फिलहाल कुछ बढ़ सकता है। लेकिन जिन लोगों की कमाई हर महीने दो लाख रुपये के आसपास है, उनकी जेब पर ज्यादा बोझ पड़ेगा। उन्हें महँगे फोन, महँगी घडिय़ाँ जैसे शौक के लिए कई बार अपना बैंक खाता देखना पड़ेगा।
सेहतमंद जीएसटी
जीएसटी में सेहत का बहुत ख्याल रखा गया है। इसलिए फल, सब्जियाँ, दालें, गेहूँ, चावल और ब्रेड को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। चिकन भी सस्ता हो जायेगा। दूध, दही, लस्सी, खुला पनीर, अंडे, मीट, मछली, सब्जियाँ, जैसी तमाम सेहतमंद चीजों पर जीएसटी नहीं लगेगा, क्योंकि इन्हें जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
सेहत के लिए नुकसान वाली चीजें महँगी होंगी। जैसे अब जंक फूड चिप्स के लिए ज्यादा दाम देने होंगे। इसी तरह 100 रुपये किलो से ज्यादा की बिस्किट, बटर, चाय और कॉफी सेहत के साथ-साथ जेब पर भी भारी पड़ेगी। मोटापे से बचाने के लिए जीएसटी में पर्याप्त इंतजाम किये गये हैं। देसी घी पर जीएसटी जड़ दिया गया है, इसलिए इसके दाम बढ़ेंगे। च्यूंगम, चॉकलेट, आइसक्रीम पर भी 5% जीएसटी लगेगा।
ब्रांडेड सामान महँगे होंगे
ब्रांडेड अनाज, आटा, शहद, चीनी, मिठाइयाँ, मसाले वगैरह खुले सामानों के मुकाबले महँगे होंगे, क्योंकि इन पर 5% जीएसटी लगेगा।
जीएसटी से महँगे होंगे
शराब को जीएसटी से बाहर रखा गया है, इनपर राज्य सरकारें ही टैक्स वसूलेंगी। लेकिन शराब पीने के दौरान इस्तेमाल होने वाले सामान, जैसे भुजिया, खाने के पैक्ड आइटम और चिप्स महँगे हो जायेंगे।
सभी सेवाओं पर टैक्स 15% से बढ़ कर 18% हो जाने से घर महँगे हो जायेंगे। इसके अलावा हेल्थ, लाइफ और मोटर इंश्योरेंस के लिए अब ज्यादा रकम खर्च करनी होगी।
सस्ता होगा
दोपहिया वाहनों के दाम घटेंगे। इसी तरह लग्जरी कारों के दाम कम होंगे। एसयूवी के लिए भी अब कम दाम चुकाने पड़ेंगे।
कंज्यूमर ड्यूरेबल
एसी, वॉशिंग मशीन, कूलर और फ्रिज सभी के दाम बढ़ जायेंगे। पहले इन सामानों पर औसतन 22 से 26% के आस-पास टैक्स लगते थे, लेकिन जीएसटी में ये तमाम चीजें 28% दर के दायरे में आ गयी हैं। इसी तरह मोबाइल फोन भी महँगे हो जायेंगे, क्योंकि इन पर अभी तक 6% टैक्स था जो अब बढ़ कर 12% हो जायेगा।
सेवाएँ जो महँगी होंगी
आपके टेलीफोन बिल, बीमा पॉलिसी, कोचिंग क्लास जैसी तमाम सेवाएँ महँगी हो जायेंगी। पहले इन पर 15% सेवा कर (सर्विस टैक्स) लगता था, लेकिन अब ये तमाम सेवाएँ 18% जीएसटी के दायरे में आ जायेंगी।
होटल- रेस्त्रां
सामान्य श्रेणी के होटलों पर 18% के हिसाब से टैक्स लगेगा। मगर 7,500 रुपये रोजाना से अधिक के कमरों पर टैक्स की दर 28% होगी। अभी होटलों पर 22% के आस-पास टैक्स दर है। इसी तरह एसी रेस्त्रां पर 18% टैक्स लगेगा, पहले यह 22% के आसपास था।
पर्सनल केयर
रोजाना इस्तेमाल की चीजें जैसे साबुन, शैंपू, हेयर ऑयल, टूथपेस्ट सस्ते हो जायेंगी। इन पर 18% की दर से टैक्स लगेगा, जबकि पहले इन पर 28% तक के टैक्स थे।
हवाई यात्रा
इकोनॉमी क्लास के लिए टैक्स सिर्फ 5% लगेगा। लेकिन बिजनेस क्लास के लिए यह दर 12% होगी।
ऑटो सेक्टर (टू व्हीलर)
इसे दो श्रेणियों में बाँटा गया है। 350 सीसी से कम क्षमता वाले दोपहिया पर अभी तमाम टैक्स मिला कर 30% तक टैक्स है। लेकिन जीएसटी अमल में आने के बाद इन पर 28% टैक्स लगेगा यानी दोपहिया वाहन कुछ सस्ते होंगे। लेकिन 350 सीसी से ज्यादा के वाहनों पर 28% जीएसटी और 3% सेस मिला कर 31% हो जाएगा। उदाहरण के तौर पर, 350 सीसी क्षमता वाली रॉयल इनफील्ड क्लासिक के दाम कम होंगे, लेकिन इनफील्ड क्लासिक 500 के दाम बढ़ जायेंगे।
व्यावसायिक (कमर्शियल) गाडिय़ाँ
व्यावसायिक वाहनों के लिए तीन श्रेणियाँ बनायी गयी हैं। व्यावसायिक वाहनों और बस पर अभी 30.2% टैक्स है। लेकिन जीएसटी में व्यावसायिक वाहनों पर टैक्स घट कर 28% रह जायेगा। लेकिन छोटी बसें (10-13 यात्री) महँगी हो जायेंगी, क्योंकि इन पर मौजूदा टैक्स 30% के आस-पास है लेकिन अब यह बढ़ कर 43% हो जायेगा। लेकिन तिपहिया (थ्री व्हीलर) जैसे ऑटो-रिक्शा के दाम भी टैक्स कम होने से घट जायेंगे। इन पर अभी 29% के आस-पास टैक्स लगता है, जो अब घट कर 28% रह जायेगा।
मोबाइल फोन
एक जुलाई से जीएसटी पूरी मोबाइल फोन इंडस्ट्री को झकझोर कर रख देगा। सभी मोबाइल फोन पर 12% जीएसटी लगेगा, जो कि मौजूदा टैक्स से कम-से-कम 5% ज्यादा है। खास तौर पर देश में बने मोबाइल फोन ज्यादा महँगे होंगे, क्योंकि मेक इन इंडिया पॉलिसी की वजह से अभी इन पर टैक्स की दर काफी कम है। लेकिन घरेलू उद्योग की माँग पर सरकार आयातित मोबाइल फोन पर 10% सेफगार्ड ड्यूटी लगा सकती है। ऐसे में एप्पल और गूगल जैसे फोन काफी महँगे हो जायेंगे।
टेलीकॉम सर्विस
जीएसटी लागू होने के बाद मोबाइल का बिल भी पहले से ज्यादा आना तय है। अब तक फोन सेवा पर सर्विस टैक्स 15% था। लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद यह 18% हो गया है। इससे सभी टेलीकॉम सेवाएँ महँगी हो जायेंगी।
जीएसटी लागू तो 1 जुलाई को हो रहा है, पर इसका असली असर अगस्त-सितंबर तक पता चलेगा। लेकिन सरकार बार बार चेतावनी दे रही है कि जिन सामानों पर टैक्स कम होगा, उसका फायदा उपभोक्ताओं तक पहुँचना चाहिए। आपने जीएसटी लागू होने से पहले बहुत-से सामानों पर लगी सेल में कुछ शॉपिंग करके भले ही कहीं-कहीं कुछ बचत कर ली हो, पर अब नयी दरों के हिसाब से अपने बजट को दुरुस्त करने की दिशा में काम करिए।
(निवेश मंथन, जुलाई 2017)