अनिल चोपड़ा, ग्रुप डायरेक्टर, बजाज कैपिटल :
मैं 27 वर्ष का हूँ। मैं म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करना चाहता हूँ,
लेकिन मैं आश्वस्त नहीं हूँ कि कौन-सा फंड चुना जाये। कृपया सही फंड के चुनाव में मेरी मदद कीजिये। फिलहाल, मैं 5,000 रुपये का निवेश कर सकता हूँ। मैं शादीशुदा हूँ और मेरी एक साल की बेटी भी है। मैं उसकी पढ़ाई और शादी के लिए एक कोष बनाना चाहता हूँ, लिहाजा मैं एसआईपी में 15-20 साल तक निवेश कर सकता हूँ। कृपया, मुझे सलाह दें।
- बासवराज
इसमें कोई दो राय नहीं है कि 15-20 वर्ष के कालखंड में संपदा सृजन के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड सबसे अच्छे विकल्प हैं। आप अच्छे स्थापित ट्रैक रिकॉर्ड वाले 3-5 विविधिकृत इक्विटी फंड का चुनाव करें और एसआईपी के रास्ते से इनमें निवेश करें।
मेरी उम्र 30 साल है और आमदनी 35,000 रुपये प्रति माह है। मेरा नजरिया पाँच साल का है। मेरे पास एचडीएफसी क्लिक2प्रोटेक्ट प्लान है, जिसकी बीमा राशि एक करोड़ रुपये है और उसके प्रीमियम के तौर पर मैं सालाना 11,011 रुपये जमा करता हूँ। मेरे पास बीमा गोल्ड भी है, जिसकी बीमा राशि दो लाख रुपये और प्रीमियम राशि 588 रुपये प्रति माह है। मैं हर महीने छह हजार रुपये का एसआईपी शुरू करना चाहता हूँ। मेरे लिए बेहतरीन पोर्टफोलिओ का सुझाव दें।
- रमाकांत सेन, छत्तीसगढ़
चूँकि शेयर बाजार के छोटी अवधि के उतार-चढ़ाव के प्रभाव को समाप्त करने के लिए आपके पास पर्याप्त समय है, ऐसे में आप एक लार्ज कैप, एक फ्लेक्सी-कैप और एक मिड-कैप फंड में निवेश कर सकते हैं। जहाँ तक लार्ज कैप फंड की बात है, आपको आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल टॉप 100 में 2,000 रुपये प्रति माह का एसआईपी निवेश करना चाहिए। इस योजना ने पिछले तीन साल में 23.76% की दर से सालाना प्रतिफल (रिटर्न) उपलब्ध कराया है। फ्लेक्सी-कैप फंड में आपको फ्रैंकलिन इंडिया फ्लेक्सी-कैप फंड में हर महीने 2,000 रुपये लगाने चाहिए। इस योजना ने पिछले तीन साल में 22.40% सालाना प्रतिफल दिया है। मिड-कैप फंडों में से आप एचडीएफसी मिड-कैप अपॉर्चुनिटीज में हर माह 2,000 रुपये का एसआईपी निवेश आरंभ कर सकते हैं। इस योजना ने पिछले तीन साल में 27.82% की दर से सालाना प्रतिफल दिया है।
लार्ज-कैप, फ्लेक्सी-कैप और मिड-कैप फंडों से मिल कर बना यह पोर्टफोलिओ आपको उचित संयोजन देगा, क्योंकि लार्ज-कैप फंड अन्य फंडों के मुकाबले कम जोखिम वाले होते हैं। दूसरी ओर मिड-कैप फंडों में पोर्टफोलिओ का पूरा रिटर्न बढ़ा देने की क्षमता होती है। इनमें नियमित तौर पर निवेश करें और जिन फंडों में आप निवेश कर रहे हैं, उनके प्रदर्शन की नियमित समीक्षा करें, ताकि लंबी अवधि के आपके वित्तीय लक्ष्य हासिल हो सकें।
मेरी उम्र 32 साल और आमदनी छह लाख रुपये प्रति वर्ष है। मेरी आमदनी करदेयता की सीमा से अधिक है, ऐसे में मैं अपने नाम से मियादी जमा (एफडी) नहीं करना चाहता। मेरी पत्नी एक गृहिणी हैं। यदि मैं अपनी पत्नी के खाते में तीन लाख रुपये का एफडी कर दूँ, तो क्या इसके ब्याज पर कर लगेगा? कृपया कर बचत के कुछ विकल्प भी बतायें।
- दीपक श्रीवास्तव, दिल्ली
आम बजट 2014 में कर छूट की सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ा कर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया था। अगर आप अपनी पत्नी के नाम से एफडी करते हैं तो इससे जो भी ब्याज मिलेगा, वह आपकी पत्नी की आमदनी में जुड़ेगा। हालाँकि, उन्हें तब तक आय कर नहीं देना पड़ेगा, जब तक किसी एक वित्तीय वर्ष में उनकी आमदनी 2.5 लाख रुपये से अधिक न हो जाये। अगर आप टीडीएस से बचना चाहते हैं तो आप बैंक में फॉर्म 15जी जमा कर सकते हैं। इसके अलावा आप ईएलएसएस म्यूचुअल फंडों में भी निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंडों में निवेश से आपको विविधीकरण का लाभ मिलता है।
आय कर अधिनियम की धारा 80सी के तहत म्यूचुअल फंडों में निवेश से कर में छूट हासिल होती है। इस धारा के तहत निवेशक किसी ईएलएसएस योजना में हर वित्तीय वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर कर छूट हासिल सकते हैं। ऐसा करके निवेशक अपनी आय कर देयता की श्रेणी के हिसाब से कर की बचत कर सकते हैं, साथ ही म्यूचुअल फंडों के जरिए अपनी वित्तीय जरूरतों के मुताबिक पूँजी का निर्माण कर सकते हैं। हालाँकि आप एकमुश्त राशि का निवेश भी कर सकते हैं, लेकिन बेहतर यही होगा कि आप एसआईपी के जरिए हर महीने इक्विटी-केंद्रित म्यूचुअल फंडों में निवेश करें।
अब सवाल यह है कि आपको कितनी राशि का निवेश करना चाहिए? दरअसल हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही कर बचत की योजना बनाना हमेशा बेहतर होता है। उदाहरण के तौर पर, अगर आप किसी वित्तीय वर्ष में कर बचत के लिए 60,000 रुपये का निवेश करना चाहते हैं, तो इस राशि को 12 हिस्सों में बाँट दें और एक अप्रैल से 31 मार्च के बीच ईएलएसएस में एसआईपी के जरिये निवेश करें। ऐसा करने से आपको औसत लागत का लाभ मिल सकेगा। एसआईपी की शुरुआत करने के लिए आपको अपने बैंक में ईसीएस का आदेश देना होगा। ऐसा करने से हर महीने की एक तय तारीख को आपके बैंक खाते से तय राशि स्वत: ही म्यूचुअल फंड के खाते में चली जायेगी।
आप अपनी निवेश राशि को दो बराबर हिस्सों में बाँट दें और फ्रैंकलिन इंडिया टैक्स शील्ड (इस योजना ने पिछले तीन साल में 22.17% सालाना प्रतिफल दिया है) और रिलायंस टैक्स सेवर फंड (इसने पिछले तीन साल में 29.53% सालाना प्रतिफल दिया है) में एसआईपी करें।
(निवेश मंथन, जून 2017)