सौरभ जैन, रिसर्च प्रमुख, एसएमसी ग्लोबल :
बाजार नये उच्चतम स्तरों पर है, और काफी लोगों को यही चिंता है कि इसमें गिरावट कब आयेगी।
ये कम लोग सोच रहे हैं कि इसमें पैसा बना कैसे सकते हैं। बाजार इस तरह क्यों चल रहा है? इस बार नया क्या है? पिछले एक साल में एफआईआई ने करीब 45-50 हजार करोड़ रुपये डाले होंगे, जबकि घरेलू संस्थाओं ने 65,000 करोड़ रुपये डाल दिये। पिछले छह महीनों में नवंबर से जनवरी तक और फिर अप्रैल में एफआईआई ने बिकवाली की। लेकिन बाजार वापस क्यों सँभल गया? क्योंकि इस बार घरेलू संस्थाएँ काफी मजबूत थीं।
अभी कहानी यह बन रही है कि मॉनसून के अनुमान काफी अच्छे आ रहे हैं। जीएसटी की जो दरें आयी हैं, खास कर एफएमसीजी क्षेत्र के लिए, वे काफी नीची दरें हैं। इसलिए कंपनियों को फायदा ही होगा। अगर एफएमसीजी और मॉनसून की कहानी को मिला कर देखेंगे तो खपत पर आधारित शेयरों के समूह या ऐच्छिक उपभोग (कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी) वाले समूह के शेयर अगले दो-तीन साल तक काफी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। इनमें एफएमसीजी, मल्टीप्लेक्स, ऑटो जैसे शेयरों को शामिल किया जा सकता है। अगर बाजार में गिरावट भी आयी तो ये शेयर बाजार से कम गिरेंगे, और जब बाजार बढ़ेगा तो इस तरह के किस्से काफी हद तक चलेंगे।
धनी बनना चाहते हैं तो निवेश करें
आर. के. गुप्ता, एमडी, टॉरस म्यूचुअल फंड :
हर व्यक्ति धनी बनना चाहता है और इसका सबसे सरल तरीका यही है कि निवेश करें। म्यूचुअल फंड आपको कई तरह के निवेश विकल्प मुहैया कराते हैं, जिनमें इन्कम स्कीम, एफएमपी, इक्विटी स्कीम वगैरह शामिल हैं। आप जो पैसा बिल्कुल सुरक्षित रखना चाहते हैं, उसका निवेश इन्कम स्कीम में करें। इक्विटी में निवेश करते समय मानसिक रूप से उतने पैसे का घाटा उठाने के लिए तैयार रहें। अगर आप मानसिक रूप से इसके लिए तैयार रहेंगे तो आप सफल निवेशक बनेंगे। इक्विटी के अलावा म्यूचुअल फंडों का एक अच्छा उत्पाद है एफएमपी। तीन साल के एफडी में पैसा रखने के बदले अगर एफएमपी में तीन साल रख लें तो कर (टैक्स) काटने के बाद 7.50-7.75% तक प्रतिफल मिल रहा है। इतना प्रतिफल आपको किसी और (ऋण या डेब्ट) विकल्प में नहीं मिलेगा।
हाल में सेबी ने यह नियम बना दिया है कि छोटे निवेशकों को म्यूचुअल फंडों की लिक्विड योजनाओं से एक दिन में 50,000 रुपये तक की निकासी का भुगतान तुरंत मिल जायेगा। आप इन्हें चालू खाते (करंट एकाउंट) की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। आपने 10 बजे निकासी (रिडेंप्शन) के लिए कहा तो 12 बजे तक आपके खाते में पैसा आ जायेगा। बस इसमें प्रतिदिन 50,000 रुपये तक की सीमा है।
अपने सौदों को लेकर खुद सजग रहें
राजीव गर्ग, क्षेत्रीय प्रमुख (दिल्ली), बीएसई :
आजकल हमारे पास निवेशकों की अधिकांश शिकायतें अनधिकृत सौदे की होती हैं। इनमें कहा जाता है कि ब्रोकर ने खुद ही सौदा कर दिया। ऐसे 90-95% मामलों में एक ही रुझान दिखता है। वह निवेशक या कारोबारी 6-8 महीनों से किन्हीं 5-6 छोटे शेयरों में या एफऐंडओ में सौदे कर रहा होता है। जब तक मुनाफा हो रहा होता है या बराबर पर होता है, तब तक ठीक है। जब घाटा हो जाता है तो शिकायत की जाती है कि मैंने तो यह बोला ही नहीं था। ऐसे मामलों की सच्चाई जानने का कानूनी तरीका काफी लंबा-चौड़ा है।
मेरी सलाह है कि आप जिस श्रेणी (सेग्मेंट) में खरीद-बिक्री नहीं करते हैं, उन्हें अपनी केवाईसी में साफ तौर पर काट दें। आप जिस भी श्रेणी में खरीद-बिक्री करें, उस पर नियमित रूप से नजर रखें। अब ब्रोकर के अलावा सीधे एक्सचेंज से भी हर सौदे पर उसी दिन शाम को आपके पास एसएमएस और ईमेल भेज दिये जाते हैं।
जरूरी है कि आप खुद सजग रहें। आपके पास हर रोज शाम को ईमेल आ रहे हैं, उन्हें रोज देखते रहें। अगर उसी दिन आपको लगे कि आपने वह सौदा नहीं किया था, तो अगली ही सुबह आप एक्सचेंज पहुँच जायें जिससे हम उसकी छानबीन कर सकें।
(निवेश मंथन, जून 2017)