आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने मई के चौथे सप्ताह में म्यूचुअल फंड उद्योग पर जारी अपनी रिपोर्ट में पूर्ववर्ती माह की सलाहों को बरकरार रखा है।
ब्रोकिंग फर्म ने इक्विटी डाइवर्सिफाइड फंड, इक्विटी इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड, इक्विटी बैंकिंग फंड, इक्विटी एफएमसीजी और बैलेंस्ड फंड के लिए अल्पकाल एवं दीर्घकाल, दोनों अवधियों के लिए सकारात्मक सलाह दी है। ब्रोकिंग फर्म ने इन्कम फंड के लिए अल्पकाल में सकारात्मक, अति अल्पकाल और दीर्घकाल के लिए उदासीन सलाह बरकरार रखी है। इसी तरह इक्विटी फार्मा फंड और मंथली इन्कम प्लान (एमआईपी) के लिए अल्पकाल में उदासीन और दीर्घकाल में सकारात्मक सलाह बरकरार रखी है। ब्रोकिंग फर्म ने इक्विटी टेक्नोलॉजी फंड, आर्बिट्राज फंड, लिक्विड फंड एवं गिल्ट फंड के लिए अल्पकाल एवं दीर्घकाल, दोनों अवधियों के लिए उदासीन सलाह दी है।
इक्विटी (शेयर) बाजार
कैलेंडर वर्ष 2017 की शुरुआत से निफ्टी-50 अभी 16% ऊपर है। मिडकैप 23% और स्मॉलकैप 28% प्रतिफल दिखा रहे हैं। सामान्य मानसून, जीएसटी पर अमल, सकारात्मक वैश्विक बाजारों, वैश्विक कमोडिटी कीमतों में गिरावट और म्यूचुअल फंडों में जारी मजबूत घरेलू निवेश ने नये सार्वकालिक शिखर बनाने में बाजारों की मदद की है। वैश्विक बाजारों ने भी चढऩा जारी रखा। कई वैश्विक सूचकांकों ने अप्रैल 2017 में नये शिखर बनाये। इससे घरेलू बाजार को भी उत्साहजनक धारणा बनाये रखने में मदद मिली।
बैंकिंग, कैपिटल गुड्स और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों में खराब प्रदर्शन के बाद वर्ष 2017 की शुरुआत से बेहतर प्रदर्शन करने लगे हैं। छोटे-मँझोले शेयरों ने मुख्य सूचकांकों से लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है और मुख्य सूचकांकों में ठहराव के दौरान नये सार्वकालिक शिखरों को छुआ है। यह सुसंगत म्यूचुअल फंड निवेश के बीच बाजार के बड़े हिस्से में उत्साहजनक धारणा को उजागर करता है।
घरेलू म्यूचुअल फंडों में निवेश मजबूत बना हुआ है। इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि ताजा निवेश का बड़ा हिस्सा दीर्घकाल के लिए प्रतिबद्ध है। सुनियोजित निवेश योजना (एसआईपी) और पेंशन फंड योगदानों में सुस्थिर वृद्धि इसकी ओर इशारा करती है। निवेश की दीर्घावधि प्रकृति को देखते हुए, फंड प्रबंधक ऐसी छोटी-मँझोली कंपनियों में निवेश का निर्णय करने की दृष्टि से बेहतर स्थिति में हैं, जिनका व्यवसाय चक्र उच्च उतार-चढ़ाव वाला और तुलनात्मक रूप से कम जाँचा-परखा है। हालाँकि बड़े स्थिर व्यवसायों के मुकाबले इनमें वृद्धि संभावना काफी अधिक है। इसलिए बाजार में गुंजाइश सकारात्मक बनी हुई है। अन्य संपदा श्रेणियों का अनाकर्षक होना भी म्यूचुअल फंडों में उच्च आवंटन का कारण है।
परिदृश्य
स्वतंत्रता के पश्चात भारत में सबसे बड़ा कर सुधार, जीएसटी 1 जुलाई, 2017 से लागू होने के लिए सही पटरी पर है। पारदर्शी कर ढाँचा, अनेकानेक करों के व्यापक प्रभावों का उन्मूलन, नियमों का बेहतर अनुपालन और असंगठित क्षेत्र की इकाइयों का संगठित क्षेत्र में आना जीएसटी लागू होने के चलते दिखने वाले कुछ खास बुनियादी परिवर्तन होंगे।
कंपनियों पर विमुद्रीकरण का असर उम्मीद से कम साबित हुआ। अधिकांश कंपनियाँ तेजी से संकट की स्थिति से उबर गयीं, जबकि बाकी कंपनियाँ अगले कुछ महीनों में इससे उबर जाने की उम्मीद है। चुनिंदा मामलों में जहाँ इसका असर बाकी भी है, वहाँ मंदी की तीव्रता अनुमानों से कम है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का मानना है कि वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिए कंपनियों की आय वृद्धि (अर्निंग ग्रोथ) 20% से ज्यादा होनी तय है। इसलिए मँझोली अवधि का परिदृश्य सकारात्मक बना हुआ है। हाल में राज्यों के विधानसभा चुनावों, खास कर उत्तर प्रदेश के नतीजों ने विकास आधारित राजनीति की ओर संरचनात्मक झुकाव का संकेत दिया है। ऐतिहासिक चुनावी जनादेश के बाद निवेशकों की यह उम्मीद बढ़ गयी है कि भाजपा महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों की दिशा में आगे बढ़ेगी। नोटबंदी के बाद जो निचले स्तर बने थे, वहाँ से अब तक आयी तेजी के मद्देनजर निकट भविष्य में निफ्टी में कुछ गिरावट दिख सकती है। हालाँकि कुल मिला कर रुख सकारात्मक बना हुआ है। निवेशकों को क्रमबद्ध खरीद का अपना नजरिया बनाये रखना चाहिए। निकट भविष्य में बाजार कोई तीखी गिरावट देख सकता है, और ऐसे मौके पर निवेशकों को निवेश करना चाहिए।
मॉडल पोर्टफोलिओ, पसंदीदा फंड
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने मध्यम जोखिम उठाने वाले निवेशकों के लिए मॉडल पोर्टफोलिओ में फ्रैंकलिन इंडिया प्राइमा प्लस (20%), बिड़ला सन लाइफ फ्रंटलाइन इक्विटी (20%), एसबीआई ब्लूचिप फंड (20%), आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी (20%), एचडीएफसी मिडकैप अपॉर्चुनिटीज (10%) और बिड़ला सन लाइफ डायनामिक बॉन्ड फंड (10%) को शामिल किया है।
ब्रोकिंग फर्म ने इक्विटी लार्जकैप में बिड़ला सन लाइफ फ्रंटलाइन इक्विटी, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फोकस्ड ब्लूचिप और एसबीआई ब्लूचिप को अपनी पसंदीदा सूची में रखा है। वहीं मिडकैप श्रेणी में इसने एचडीएफसी मिडकैप अपॉर्चुनिटीज और फ्रैंकलिन इंडिया हाई ग्रोथ कंपनीज को, जबकि मल्टीकैप श्रेणी में फ्रैंकलिन इंडिया प्राइमा प्लस, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी और कोटक सेलेक्ट फोकस को चुना है। ईएलएसएस श्रेणी में इसके चुने हुए पसंदीदा फंड हैं ऐक्सिस लॉन्ग टर्म इक्विटी, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल टैक्स प्लान और फ्रैंकलिन इंडिया टैक्सशील्ड।
(निवेश मंथन, जून 2017)