काशिद हुसैन :
भारत में नवोन्मेषी उद्यमों को आरंभिक पूँजी दिलाने में मदद करने और उद्यमिता का परिवेश विकसित करने के लिए बने इंडियन एंजेल नेटवर्क (आईएएन) ने अब खुद अपना एक एंजेल फंड शुरू कर दिया है।
विश्व में किसी एंजेल निवेशक समूह की ओर से अपना ही फंड शुरू किये जाने का यह पहला उदाहरण है। इस फंड का आकार 350 करोड़ रुपये रखा गया है और इसमें से 175 करोड़ रुपये की राशि आईएएन ने जुटा ली है। इन्फोसिस के पूर्व सीईओ और सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन, हीरो इंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील कांत मुंजल और नारायण हृदयालय के संस्थापक एवं चेयरमैन डॉ. देवी शेट्टी जैसे प्रमुख नाम इस फंड की सलाहकार समिति में शामिल हैं।
शुरुआती चरण का निवेश करने वाला यह वेंचर फंड सेबी में पंजीकृत है। यह फंड नये युग की ऐसी तकनीकों में निवेश पर ध्यान देगा, जिनमें बाजार को उलट-पुलट देने की क्षमता हो। आईएएन का झुकाव किसी क्षेत्र विशेष की ओर नहीं रहा है। अपनी इसी प्रवृत्ति को कायम रखते हुए आईएएन का यह फंड तमाम अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश करेगा, जिनमें स्वास्थ्यसेवा एवं चिकित्सा उपकरण, सॉफ्टवेयर ऐज ए सर्विस (एसएएएस), मार्केटप्लेस, फिनटेक, बिग डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हार्डवेयर शामिल हैं। यह फंड आईएएन के सभी सौदों को तो समर्थन देगा ही, साथ ही यह स्वतंत्र रूप से अन्य वेंचर कैपिटल फंडों के साथ सह-निवेश भी करेगा।
आईएएन के फंड की निवेश समिति में नैसकॉम के पूर्व चेयरमैन एवं आईएएन के सह-संस्थापक सौरभ श्रीवास्तव, आईएएन की प्रेसिडेंट पद्मजा रूपारेल, एचसीएल के सह-संस्थापक अजय चौधरी, नैसकॉम के चेयरमैन और क्वाट्रो के संस्थापक रमन रॉय, ऑनवार्ड समूह के संस्थापक हरीश मेहता, कनान पार्टनर्स के पूर्व एमडी आलोक मित्तल, ल्युमिनस के संस्थापक राकेश मलहोत्रा और सिडबी के पूर्व डीएमडी राकेश रेवाड़ी जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।
आईएन के चेयरमैन सौरभ श्रीवास्तव का कहना है कि आईएएन भारत का तो सबसे पहला एंजेल समूह है ही, और यह अब संभवत: दुनिया का सबसे बड़ा एंजेल समूह बन गया है। यह भारत और विदेशों में सात स्थानों से सक्रिय है और इसके सदस्यों में लगभग 450 उद्यमी/सीईओ शामिल हैं। श्रीवास्तव कहते हैं कि आईएएन के लिए अब अगला तार्किक कदम है देश में आरंभिक स्तर के निवेशों का सबसे बड़ा मंच बनाना। उनके मुताबिक यह फंड उद्यमियों को 50 लाख रुपये से लेकर 30 करोड़ रुपये तक उपलब्ध करायेगा और अन्य वेंचर कैपिटल निवेशकों के साथ सह-निवेश करेगा।
वे कहते हैं, ‘हमारा लक्ष्य सक्षम तरीके से धन वितरित करना है, ताकि नवोन्मेषी उद्यमी पूँजी मिलने के सबसे चुनौतीपूर्ण प्रारंभिक चरणों को आसानी से पार कर सकें। मुझे विश्वास है कि देश में तीव्र-विकास वाली कंपनियों की स्थापना में इस फंड की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।'
आईएएन की अध्यक्षा पदमजा रुपारेल कहती हैं कि एंजेल निवेश की श्रेणी में में यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है। इससे नवांकुर (स्टार्टअप) कंपनियों के लिए पूँजी जुटाने के तरीके बदलेंगे। उनका दावा है कि आईएएन के इस फंड की संरचना निवेशकों और स्टार्ट-अप दोनों के लिए अच्छी है। आईएएन का कहना है कि अगले चार वर्षों में संगठन और उसका यह फंड (सह-निवेशकों के साथ) लगभग 160 कंपनियों में 1,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।
इस तरह आईएएन का लक्ष्य देश में आरंभिक चरण के निवेश का सबसे बड़ा मंच बनना है। यह 25 लाख रुपये से लेकर 50 करोड़ रुपये तक का निवेश करने की स्थिति में होगा। आईएएन फंड की एक और खास बात यह है कि अब तक के चलन के विपरीत इसने अपने धन-संग्रह के पहले चरण में अधिकांशत: घरेलू स्रोतों से ही पैसे लिये हैं। इस फंड को पैसा देने वालों में व्यक्तिगत निवेशकों के साथ-साथ यस बैंक और आईआईएफएल जैसे संस्थागत निवेशक भी हैं। इस फंड ने नवांकुरों के लिए डीआईपीपी के फंड ऑफ फंड्स का लाभ लिया है और सिडबी से भी पैसे जुटाये हैं।
आईएएन फंड एंजेल निवेश के बाद और सीरीज ए निवेश होने से पहले की स्थिति में बनी एक खाई को भरने का काम करेगा। यह खाई अभी मुख्यत: 6 करोड़ से 25 करोड़ रुपये के निवेश को लेकर है, जिसे पाट कर आईएएन फंड वीसी निवेशकों के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध करायेगा। आईएएन का मानना है कि उसका यह फंड वीसी परितंत्र के साथ मजबूत संबंध बनायेगा, जिससे उद्यमों को अगले चक्र का निवेश मिलने या निवेशकों को निकासी करने में मदद मिलेगी और वीसी भी एंजेल स्तर के सौदे आईएएन के पास भेज सकेंगे। यह फंड ऐसे समय में भी निवेश परितंत्र में तरलता बनाये रखेगा, जब निवेश की धारणा कमजोर हो।
इंडियन एंजेल नेटवर्क नयी पीढ़ी के उद्यमियों को संरक्षण एवं सलाह देने और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 2006 में बना था। देश में संगठित रूप से एंजेल निवेश को बढ़ावा देने में आईएएन ने अहम भूमिका निभायी है। इसके नेटवर्क में 10 देशों के निवेशक शामिल हैं और इसकी उपस्थिति भारत एवं यूके के 7 स्थानों पर फैली हुई है। इसने भारत और 6 अन्य देशों में 17 विभिन्न क्षेत्रों की नवांकुर कंपनियों में निवेश किया है।
कैलेंडर वर्ष 2014 से 2016 के दौरान आईएएन ने लगभग 60 सौदो में करीब 3.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है। आईएएन के पोर्टफोलियो में अभी 120 से अधिक कंपनियाँ शामिल हैं। अधिकतर भारतीय वीसी निवेशकों (जैसे सीक्वोइया, नेक्सस, मैट्रिक्स पार्टनर्स, तेनाया, आईडीजी, कालारी, यूएसएफ, एक्सेल, इन्वेंटस) ने आईएएन की पोर्टफोलियो कंपनियों में अगले चक्र का निवेश या आईएएन के साथ सह-निवेश किया है।
(निवेश मंथन, मई 2017)