आशीष मेहरोत्रा, एमडी एवं सीईओ, मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस :
स्वास्थ्य बीमा चुनने का बुनियादी नियम यह है कि आप ऐसी पॉलिसी चुनें जो लंबे समय तक आपको बीमा सुरक्षा मुहैया कराये, खास तौर से सेवानिवृत्ति के बाद भी।
मैक्स बूपा जैसी कंपनियों की स्वास्थ्य बीमा योजनाएँ जीवन भर के लिए स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा मुहैया कराती हैं। अपने परिवार के लिए पॉलिसी का चयन करते हुए आम तौर पर इनका ही चयन करना चाहिए। पूरे परिवार के लिए योजना बनाते समय फेमिली फ्लोटर योजनाएँ काफी सस्ती हो जाती हैं। इससे पूरे परिवार के सदस्यों के लिए स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध होता है, किसी छतरी की तरह। इनमें आम तौर पर व्यक्तिगत सीमा नहीं होती और साल में कितने भी दावे किये जा सकते हैं।
उपभोक्ता को स्वास्थ्य बीमा चुनने में खासी जागरूकता रखने और कीमत एवं लाभ के बीच संतुलन बिठाने की जरूरत होती है, ताकि एक उचित कीमत पर अधिकतम सुरक्षा देने वाला बेहतर उत्पाद खरीदा जा सके। एक खरीदार को स्वास्थ्य बीमा खरीदते समय पर्याप्त जानकारी के साथ अपना विकल्प चुनना होता है, जो उसे उचित कीमत पर पर्याप्त लाभ उपलब्ध कराये और बाद में उसे किसी तरह की निराशा का सामना न करना पड़े। इसके लिए इन खास बातों का ध्यान रखना चाहिए :
व्यापकता एवं लचीलापन : योजना में प्रीमियम और उससे मिलने वाले फायदों की तुलना करनी चाहिए। अगर बीमा राशि समान भी है तो अन्य फायदों पर गौर करना चाहिए। मसलन यह देखना होगा कि क्या उसमें गंभीर बीमारी, ओपीडी खर्च, एंबुलेंस सेवा और पहले से मौजूद बीमारियों के लिए बीमा सुरक्षा है या नहीं।
डे-केयर प्रक्रियाएँ : यह जानना भी जरूरी है कि क्या स्वास्थ्य बीमा में स्वीकृत डे-केयर प्रक्रियाओं की व्यापक सूची है। मैक्स बूपा जैसी स्वास्थ्य बीमा कंपनियाँ सभी डे-केयर प्रक्रियाओं को बीमा में शामिल करती है।
उप-सीमाएँ एवं सह-भुगतान (को-पेमेंट) : कभी-कभी अस्पताल बीमा सुरक्षा वाले मरीजों के शुल्क बढ़ा-चढ़ा कर लगाते हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए कुछ बीमा योजनाओं में कमरों के किराये (रूम रेंट) या एंबुलेंस शुल्क के लिए उप-सीमा (सब-लिमिट) का प्रावधान होता है।
मगर आपको इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि क्या पॉलिसी में महत्वपूर्ण खर्चों, जैसे डॉक्टर की फीस और डे-केयर प्रक्रियाओं आदि पर भी तो उप-सीमाएँ नहीं लगायी गयी हैं। कई बार ये उप-सीमा सह-भुगतान के रूप में भी हो सकती हैं, जिसमें बीमा कंपनी आपको दावे की राशि का एक पूर्वनिर्धारित प्रतिशत चुकाने के लिए कह सकती है।
मातृत्व लाभ : स्वास्थ्य बीमा कराने वाली महिलाओं को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बीमा में मातृत्व लाभ शामिल हो। सामान्य तौर पर यह लाभ 2 वर्ष से 6 वर्ष की प्रतीक्षा अवधि के बाद मिलता है। ऐसा नहीं होने पर उनके लिए यही सलाह है कि बाद में निराशा से बचने के लिए वे टॉप-अप प्लान या विशेष बीमा सुविधा का विकल्प चुनें।
आश्रित परिजनों के लिए पर्याप्त सुरक्षा : बीमा राशि का निर्धारण परिवार के आकार, चिकित्सा इतिहास (मेडिकल हिस्ट्री) और आवासीय इलाके के आधार पर होना चाहिए। ऐसी पॉलिसी लेनी चाहिए, जो परिवार के सभी सदस्यों के लिए लाभदायक हो। अगर पिछला चिकित्सा इतिहास हो तो चिकित्सा खर्च ऊँचे होंगे और ज्यादा बीमा राशि रखने की जरूरत होगी। इस मामले में बीमा लेने वालों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है, क्योंकि बहुत-सी कंपनियाँ पहले से मौजूद बीमारियों और उनसे उत्पन्न होने वाली जटिलताओं की स्थिति में भुगतान नहीं करतीं। हालाँकि इन दिनों कुछ कंपनियाँ लगातार बीमा नवीकरण होते रहने पर एक निश्चित प्रतीक्षा अवधि के बाद पहले से मौजूद बीमारियों पर खर्च की अनुमति देती हैं। इसलिए बीमा खरीदार को पॉलिसी के नवीकरण की तिथि या अवधि को लेकर सचेत रहना चाहिए, ताकि पॉलिसी रद्द न हो जाये।
नो-क्लेम बोनस : स्वास्थ्य बीमा कंपनियाँ उन ग्राहकों को निरंतरता या निष्ठा (लॉयल्टी) का लाभ देने पर विचार कर रही हैं, जो उनके साथ लगातार बने रहते हैं। ग्राहकों की ऐसी निष्ठा को पुरस्कृत करने के पीछे मकसद यही है कि उन्हें ज्यादा समय तक कंपनी के साथ जोड़े रखा जा सके। इससे बीमा कंपनियों को न केवल ग्राहकों को बनाये रखने में मदद मिलेगी, बल्कि नवीकरण कारोबार को भी मजबूती मिलेगी।
स्वास्थ्य बीमा में नये रुझान
बीमा कंपनियाँ अब ऐसे उत्पाद तैयार कर रही हैं जो ग्राहकों की बढ़ती जरूरतों पर खरे उतर सकें। मैक्स बूपा में प्रत्येक उत्पाद में नये बदलाव ग्राहकों से मिली प्रतिक्रियाओं के आधार पर ही किये जाते हैं। पिछले पाँच-छह वर्षों के दौरान मैक्स बूपा सहित तमाम बीमा कंपनियों ने विभिन्न ग्राहक वर्गों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपने उत्पाद पेश किये हैं।
मैक्स बूपा हार्टबीट जैसे उत्पादों में यह सुविधा शुरू की गयी कि किसी भी उम्र के व्यक्ति को इसमें शामिल किया जा सके है और जीवनपर्यंत नवीकरण कराया जा सके। यह चीज आगे चल कर आईआरडीए के नियमन का भी हिस्सा बनी। हमारे ‘हेल्थ एश्योरेंस’ का संशोधित संस्करण निश्चित लाभों वाली एक अनूठी और व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना है। इस योजना में तमाम प्रावधान ऐसे हैं, जो बीमा उद्योग में पहली बार पेश किये गये हैं। इसे खास तौर पर इस तरह बनाया गया है कि ग्राहकों को तीन सुरक्षाएँ मिलें। इसके कई लाभ हैं, जैसे क्रिटिकेयर में बीमा राशि के 150% तक की सुरक्षा मिलती है और एक्सिडेंटकेयर में स्थायी संपूर्ण विकलांगता होने पर बीमा राशि के 125% तक सुरक्षा दी जाती है। इन सब लाभों से हमारे ग्राहकों को अपने लिए बीमा राशि, पॉलिसी की अवधि, कार्ययोजना और इलाज चुनने में पूरा लचीलापन मिलता है।
(निवेश मंथन, मार्च 2017)