बिक्री 10 तिमाहियों के ऊपरी स्तर पर
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज (एमओएसएल) ने 2 फरवरी 2017 तक जारी तिमाही नतीजों के आधार पर जारी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ये नतीजे मोटे तौर पर अनुमानों के मुताबिक ही रहे हैं।
अच्छी बात यह है कि इन नतीजों को देखते हुए एमओएसएल ने 2017-18 और 2018-19 के लिए सेंसेक्स ईपीएस के अनुमानों में थोड़ी वृद्धि की है। एमओएसएल की यह रिपोर्ट उसकी समीक्षा-सूची में शामिल 92 कंपनियों और निफ्टी की 26 कंपनियों के अक्टूबर-दिसंबर 2016 तिमाही के कारोबारी नतीजों पर आधारित है।
इसी तिमाही के दौरान नोटबंदी हुई थी, लिहाजा बाजार का इस बात पर काफी ध्यान था कि नोटबंदी के चलते तीसरी तिमाही के नतीजों पर कितना असर होता है। निफ्टी की जिन 26 कंपनियों ने अब तक नतीजे घोषित किये हैं, उनमें से दो तिहाई कंपनियों ने अनुमानों के मुताबिक या अनुमान से बेहतर आँकड़े पेश किये हैं। हालाँकि एमओएसएल की ओर से भविष्य के आय अनुमानों को देखें तो इनमें से चार कंपनियों के अनुमानों में 2% से ज्यादा वृद्धि की गयी है, जबकि आठ कंपनियों के अनुमानों में 2% से ज्यादा कमी की गयी है। इस तरह इनका संतुलन आय अनुमानों में कटौती की ओर ज्यादा झुका हुआ है।
एमओएसएल समीक्षा सूची की 92 कंपनियों की कुल तिमाही बिक्री पिछले साल की समान तिमाही से 9.1% बढ़ी है, जबकि अनुमान 9.2% वृद्धि का था। इनकी एबिटा आय 11.6% वृद्धि हुई, जबकि अनुमान 13.7% का था। वहीं इनका तिमाही मुनाफा 12% वृद्धि के अनुमान की तुलना में 7.8% ही बढ़ पाया है। इन 92 कंपनियों में से 68, यानी लगभग तीन चौथाई कंपनियों ने अनुमानों के मुताबिक या उससे बेहतर एबिटा दर्ज किया। वहीं 59 कंपनियों ने मुनाफे के मोर्चे पर उम्मीदों को पूरा किया या उससे अच्छा प्रदर्शन किया।
अक्टूबर-दिसंबर 2016 की तिमाही में ऑटो क्षेत्र के मुनाफे में 21% और कैपिटल गुड्स के मुनाफे में 39% की अच्छी वृद्धि दर्ज हुई है। धातु (मेटल) क्षेत्र घाटे से मुनाफे में आ गया है। वहीं दूसरी ओर निजी बैंक (-9%), रिटेल (-15%), टेलीकॉम (-32% और यूटिलिटी (-93%) क्षेत्रों के मुनाफे में कमी आयी है। अनुमानों की तुलना में सबसे ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करने वाली कंपनियों में टेक महिंद्रा, अल्ट्राटेक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक बैंक, बजाज ऑटो और टीसीएस शामिल हैं। दूसरी ओर भारती एयरटेल, भारती इन्फ्राटेल, ऐक्सिस बैंक, एलऐंडटी और मारुति ने अनुमानों से खराब प्रदर्शन किया।
निफ्टी की 26 कंपनियों के परिणामों को देखें तो उनके एबिटा में 6.2% के अनुमान से ज्यादा 7.9% वृद्धि दर्ज हुई, और मुनाफा 2.7% अनुमान की तुलना में 2.9% बढ़ा। एमओएसएल ने कहा है कि खास कर टेलीकॉम कंपनियों के खराब प्रदर्शन की वजह से निफ्टी का कुल मुनाफा सुस्त रहा।
पाँच खास रुझान
1. बिक्री की मात्रा में वृद्धि मिली-जुली रही है। नोटबंदी ने निचले सिरे वाली खपत पर असर डाला, खास कर एफएमसीजी पर, जहाँ नोटों के प्रवाह का ज्यादा असर होता है। ऐच्छिक खपत (ऑटो, पेंट, कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल, सीमेंट) पर सामान्य से ज्यादा असर नहीं पड़ा।
2. एमओएसएल समीक्षा सूची की ९२ कंपनियों की तिमाही बिक्री में 9.1% वृद्धि हुई, जो 10 तिमाहियों में सबसे तेज है।
3. उपभोक्ता, टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य सेवा और मँझोले क्षेत्रों को छोड़ कर अन्य क्षेत्रों में मार्जिन सुधरा है।
4. मँझोली कंपनियों का प्रदर्शन कमजोर रहा है और ऐसी 10 में 8 कंपनियों का एबिटा अनुमान से कम रहा है।
5. कंपनी प्रबंधनों की टिप्पणियाँ बताती हैं कि नोटबंदी का असर उतना नहीं है, जितना डर था। धीरे-धीरे सामान्य स्थिति लौट रही है।
(निवेश मंथन, फरवरी 2017)