विश्लेषकों ने बजट 2017 को वाहन (ऑटो), कैपिटल गुड्स, सीमेंट, एफएमसीजी, बुनियादी ढाँचा (इन्फ्रास्ट्रक्चर), तेल एवं गैस, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, भूसंपदा (रियल एस्टेट) और शिक्षा सहित काफी क्षेत्रों के लिए सकारात्मक माना है।
धातु (मेटल), खनन (माइनिंग) और कपड़ा (टेक्सटाइल) जैसे क्षेत्रों पर कोई खास असर नहीं हुआ है। वहीं आभूषण क्षेत्र नकद लेन-देन घटने से प्रभावित होगा।
ऑटोमोबाइल
यह बजट वाहन ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए सकारात्मक है। सालाना पाँच लाख रुपये तक की आमदनी वाले करदाताओं के लिए आय कर की दर को 10% से घटा कर 5% कर दिया गया है। ब्रोकिंग फर्म एंजेल ब्रोकिंग के मुताबिक इस फैसले का असर ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर पड़ सकता है, क्योंकि यह निर्णय पहली बार कार खरीदने के इच्छुक लोगों पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाला साबित हो सकता है। इसके अलावा मनरेगा के लिए बजट को बढ़ा कर 48,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है और कृषि और कृषक कल्याण के लिए इस बजट में 51,026 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। एंजेल ब्रोकिंग का मानना है कि ग्रामीण विकास के लिए उठाये जाने वाले इन कदमों की वजह से इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आमदनी बढ़ेगी, जिसका सकारात्मक असर हीरो मोटोकॉर्प, टीवीएस मोटर्स, एस्काट्र्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा जैसी कंपनियों पर पड़ सकता है।
कैपिटल गुड्स
रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन 8.4% बढ़ा कर 90,043 करोड़ रुपये कर दिया गया है। एंजेल ब्रोकिंग का मानना है कि यह कदम बीईएल के लिए सकारात्मक होगा। मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए आवंटन 14.6% बढ़ा कर 18,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह बीईएल और बीएएमएल जैसी कंपनियों के लिए सकारात्मक है। रेलवे के लिए आवंटन में 19.6% की वृद्धि कर इसे पिछले साल के 46,155 करोड़ रुपये के मुकाबले 55,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। एंजेल ब्रोकिंग के मुताबिक इससे टीटागढ़ वैगंस, टेक्समैको और एल्सटॉम इंडिया जैसी कंपनियों को लाभ हो सकता है। प्रभुदास लीलाधर का मानना है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को आवंटन बढ़ाये जाने से एलऐंडटी, सद्भाव इंजीनियरिंग जैसी कंपनियों को लाभ हो सकता है।
सीमेंट
आम बजट 2017 में बुनियादी ढाँचे के लिए आवंटन बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा सस्ते आवासों (एफोर्डेबल हाउसिंग) पर भी काफी जोर दिया गया है। बुनियादी ढाँचे के लिए आवंटन में 10.7% इजाफा किया गया है। इस बजट में बुनियादी ढाँचा क्षेत्र के लिए 2.41 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो अब तक आवंटित की गयी सबसे बड़ी राशि है। हाउसिंग के लिए आवंटन में 24.7% की वृद्धि की गयी है। सस्ते आवासीय क्षेत्र को बुनियादी ढाँचे का दर्जा (इन्फ्रा स्टेटस) दिया जायेगा। सरकार ने साल 2019 तक उन लोगों के लिए एक करोड़ घर बनाने की योजना बनायी है, जो अभी कच्चे घरों में रहते हैं। प्रभुदास लीलाधर के मुताबिक इन सारे कदमों की वजह से देश में सीमेंट की माँग में काफी बढ़ोतरी हो सकती है। एंजेल ब्रोकिंग का मानना है कि यह पूरे भारत में उपस्थिति वाली सीमेंट उत्पादक कंपनियों जैसे अल्ट्राटेक सीमेंट के लिए सकारात्मक है।
एफएमसीजी
एफएमसीजी क्षेत्र के लिए यह बजट सकारात्मक है। इस आम बजट में हर साल पाँच लाख रुपये तक की आमदनी वाले लोगों के लिए व्यक्तिगत आय कर की दर 10% से घटा कर 5% कर दी गयी है। इससे संभावित उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसा होगा। एंजेल ब्रोकिंग के मुताबिक यह स्थिति एफएमसीजी कंपनियों के उत्पादों के लिए अधिक माँग पैदा करेगी। आम बजट में विभिन्न योजनाओं के जरिए ग्रामीण भारत पर सरकार के खर्च में बढ़ोतरी की घोषणा की गयी है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोग बढऩे की संभावना है। मनरेगा के लिए बढ़ाये गये आवंटन की वजह से भी ग्रामीण परिवारों के हाथों में अधिक पैसे आयेंगे, जो हिन्दुस्तान यूनिलीवर, डाबर, मैरिको जैसी एफएमसीजी कंपनियों के लिए सकारात्मक है।
विभिन्न प्रकार की सिगरेट के लिए एक्साइज ड्यूटी में लगभग 6% की बढ़ोतरी की गयी है। एंजेल ब्रोकिंग का मानना है कि इसमें वृद्धि का अनुमान पहले से ही था, लेकिन की गयी बढ़ोतरी अनुमान से कम है। सिगरेट उत्पादक इस बढ़ोतरी का बोझ उपभोक्ताओं पर डाल देंगे। ऐसे में यह आईटीसी, वीएसटी इंडस्ट्रीज और गॉडफ्रे फिलिप्स जैसी कंपनियों के लिए सकारात्मक ही रहेगा।
बुनियादी ढाँचा (इन्फ्रास्ट्रक्चर)
बुनियादी ढाँचा क्षेत्र के लिए यह बजट सकारात्मक है। सड़क और राजमार्ग क्षेत्र के लिए आम बजट 2017 में आवंटन तकरीबन 12% बढ़ा कर 64,900 करोड़ रुपये कर दिया गया है। अगर राज्यों के योगदान के साथ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को भी शामिल कर लिया जाये, तो सड़कों के लिए कुल बजट 91,900 करोड़ रुपये का रखा गया है। एंजेल ब्रोकिंग के मुताबिक यह केएनआर कंस्ट्रक्शंस, सद्भाव इंजीनियरिंग, आईआरबी इन्फ्रा और जे कुमार इन्फ्रा प्रोजेक्ट जैसी कंपनियों के लिए सकारात्मक है। सागरमाला और नदियों से जल परिवहन (इनलैंड वॉटर ट्रांसपोर्ट) की परियोजनाओं के लिए इस बजट में 900 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। एंजेल ब्रोकिंग का मानना है कि इससे एमबीएल इन्फ्रास्ट्रक्चर, मर्केटर और ड्रेजिंग कॉरपोरेशन जैसी कंपनियों को लाभ होगा।
तेल एवं गैस
लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) पर लगने वाले मूलभूत सीमा शुल्क (बेसिक कस्टम ड्यूटी) को 5% से घटा कर 2.5% कर दिया गया है। यह गेल, पेट्रोनेट एलएनजी, महानगर गैस, इन्द्रप्रस्थ गैस और गुजरात गैस जैसी कंपनियों के लिए सकारात्मक है। इससे एलएनजी का इस्तेमाल बढ़ेगा। बजट में तेल क्षेत्र के बारे में एक अहम घोषणा यह की गयी कि सभी सरकारी तेल कंपनियों को मिला कर एक वैश्विक दिग्गज कंपनी बनायी जायेगी, जो अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्षेत्र की निजी तेल-गैस कंपनियों को टक्कर दे सके। हालाँकि प्रभुदास लीलाधर का मानना है कि इस काम में कई बाधाएँ भी संभावित हैं, जिन पर विचार करना जरूरी है। इसके अलावा देश में ऊर्जा सुरक्षा की स्थिति को मजबूत करने के लिए दो और अहम रणनीतिक तेल भंडार (ऑयल रिजर्व) बनाने की घोषणा भी इस बजट में की गयी है।
स्वास्थ्य सेवा
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए आवंटन को साल 2016-17 के 39,688 करोड़ रुपये से बढ़ा कर साल 2017-18 के लिए 48,853 करोड़ रुपये कर दिया गया है। एंजेल ब्रोकिंग के मुताबिक यह स्वास्थ्य सेवा) हेल्थकेयर क्षेत्र के लिए सकारात्मक है। हालाँकि प्रभुदास लीलाधर का मानना है कि इससे स्वास्थ्य सेवा पर बहुत सार्थक असर नहीं पड़ेगा। विदेशी निवेश संवद्र्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को समाप्त करने का जो फैसला किया गया है, उससे एंजेल ब्रोकिंग के मुताबिक इस क्षेत्र में विदेशी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। लेकिन बजट में जेनेरिक दवाओं को कम कीमत में उपलब्ध कराने के प्रयास के तहत नियमों में संशोधन की बात कही गयी है। एंजेल ब्रोकिंग का मानना है कि अगर दवाओं की कीमत में भारी कमी आती है, तो इसका दवा कंपनियों पर निश्चित तौर पर नकारात्मक असर पड़ेगा। मगर किसी कंपनी पर यह असर कितना होगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कीमतों में कमी कितनी की जाती है और उस कंपनी के कारोबार में घरेलू बाजार की कितनी हिस्सेदारी है।
कृषि
साल 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ इस बजट में कृषि क्षेत्र के लिए बड़े कदम उठाये गये हैं। पिछले साल के आम बजट में नाबार्ड का दीर्घकालिक सिंचाई कोष 20,000 करोड़ रुपये किया गया था, इस साल इसे बढ़ा कर 40,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। एंजेल ब्रोकिंग के मुताबिक इससे शक्ति पंप्स, जैन इरिगेशन और ईपीसी इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों को फायदा होगा। कृषि क्षेत्र के लिए रिकॉर्ड 10 लाख करोड़ रुपये का कर्ज देने का लक्ष्य इस बार के बजट में रखा गया है। ब्रोकिंग फर्म प्रभुदास लीलाधर के मुताबिक यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है। इसके अलावा सरकार ने किसानों को अल्पावधिक फसल ऋण पर ब्याज सहायता के लिए 15,000 करोड़ रुपये का अलग प्रावधान किया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत वित्त वर्ष 2017-18 में 40% कृषि रकबे को दायरे में लेने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसके लिए 9,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रभुदास लीलाधर का मानना है कि इन कदमों से बेयर कॉर्प, रैलीज इंडिया, धानुका एग्रिटेक, फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज और जैन इरिगेशन जैसी कंपनियों को लाभ होगा।
रियल एस्टेट
आम बजट 2017 भूसंपदा या रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए सकारात्मक है। बजट में सस्ते आवासीय क्षेत्र को बुनियादी ढाँचा दर्जा देने की बात कही गयी है। एंजेल ब्रोकिंग के मुताबिक इससे इस क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के लिए पूँजी की लागत घटेगी। यह आशियाना हाउसिंग, एचडीआईएल, ब्रिगेड इंटरप्राइजेज, प्रेस्टीज एस्टेट प्रोजेक्ट्स और महिंद्रा लाइफस्पेसेज जैसी कंपनियों के लिए सकारात्मक है। अचल संपत्तियों के लिए दीर्घावधि पूँजीगत लाभ (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन) की अवधि तीन साल से घटा कर दो साल कर दी गयी है, जो डेवलपरों के लिए फायदेमंद है।
धातु (मेटल) और खनन (माइनिंग)
आम बजट 2017 में इस्पात (स्टील) के लिए कोई खास घोषणा नहीं की गयी है। हालाँकि निकेल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 2.5% से घटा कर शून्य कर दिया गया है। यह स्टेनलेस स्टील बनाने वाली कंपनियों के लिए आंशिक रूप से सकारात्मक है। बुनियादी ढाँचा क्षेत्र के लिए आवंटन में की गयी वृद्धि का इस्पात उत्पादकों पर सकारात्मक असर पड़ेगा, क्योंकि इस कदम से इस्पात की माँग में बढ़ोतरी होगी।
शिक्षा
कौशल (स्किल) विकास के लिए इस बजट में 4,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। इससे उन कंपनियों को फायदा होगा, जो कौशल विकास प्रशिक्षण से जुड़ी हुई हैं। एंजेल ब्रोकिंग का मानना है कि इससे एमटी एडुकेयर और एनआईआईटी को लाभ होने की उम्मीद है।
इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी
डिजिटलाइजेशन के लिए बजट में कई सारे कदम उठाये गये हैं। एंजेल ब्रोकिंग के मुताबिक इन कदमों का सीधा असर तो नहीं दिखता, लेकिन आईटी कंपनियों को इससे लंबी अवधि में फायदा होने की उम्मीद है।
आभूषण
आम बजट 2017 में यह घोषणा की गयी है कि तीन लाख रुपये से अधिक का कोई भी लेन-देन अब नकद में स्वीकार नहीं किया जायेगा। यह आभूषण (ज्वेलरी) कंपनियों के लिए नकारात्मक है, क्योंकि ये कंपनियाँ अधिकांश लेन-देन नकद में करती हैं।
कपड़ा (टेक्सटाइल)
इस बार के बजट में नायलॉन मोनो फिलामेंट यार्न पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को 7.5% से घटा कर 5% कर दिया गया है। एंजेल ब्रोकिंग के मुताबिक यह उन कंपनियों के लिए अच्छी खबर है, जो फिशिंग नेट बनाती हैं जैसे गरवारे-वॉल रोप्स।
(निवेश मंथन, फरवरी 2017)