अनिल चोपड़ा, ग्रुप सीईओ, बजाज कैपिटल
मुझे अपने बचत बैंक खाते से म्यूचुअल फंड में निवेश करना है। मैं कम जोखिम के साथ अधिक प्रतिफल (रिटर्न) पाना चाहता हूँ। क्या मुझे डेब्ट (ऋण) फंड चुनना चाहिए, या मुझे लिक्विड फंड चुनना चाहिए। यदि हाँ, तो किस कंपनी के फंड सबसे बेहतर हैं।
- वसीम
डेब्ट फंड और लिक्विड फंड में चुनाव आपके निवेश की अवधि के आधार पर तय होनी चाहिए। यदि आपकी निवेश अवधि एक साल से कम है तो आपको लिक्विड फंड या बहुत छोटी अवधि के डेब्ट फंड में निवेश करना चाहिए। यदि निवेश अवधि एक साल से अधिक, मगर तीन साल से कम है, तो आपको छोटी अवधि के डेब्ट फंड में निवेश करना चाहिए। यदि निवेश अवधि तीन साल से अधिक है तो आप कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड, इन्कम अपॉर्चुनिटी फंड, मध्यम अवधि के डेब्ट फंड, डायनामिक बॉन्ड फंड और इन्कम फंड में निवेश कर सकते हैं। लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले कुछ एएमसी के नाम इस प्रकार हैं - रिलायंस, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचडीएफसी, बिड़ला सन लाइफ, एसबीआई एमएफ और यूटीआई।
मेरे पास पहले से एनपीएस खाता मौजूद है, जिसमें मासिक योगदान 3,200 रुपये का है। मैं राज्य सरकार का एक कर्मचारी हूँ। अब मैंने टियर-2 खाता भी सक्रिय करा लिया है। मेरी उम्र 27 वर्ष है। मेरा सवाल है कि कौन-सा पेंशन फंड मैनेजर (पीएफएम) प्रतिफल के मामले में अच्छा है? कृपया एक पीएफएम का नाम सुझायें। मैं हर महीने 5000 रुपये के निवेश की योजना बना रहा हूँ। मुझे 10 साल बाद कुल कितनी राशि मिलेगी?
- अमित यादव
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत अभी सात पेंशन फंड मैनेजर हैं और इन सातों के प्रदर्शन के बीच का अंतर बहुत कम है। यह अंतर सिर्फ 0 से 2% के दायरे में है। इसके अलावा, यदि हम ‘स्थापना के बाद से’ के आधार पर इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों जैसे विभिन्न वर्गों में इन सातों पीएफएम का आकलन करें तो उनमें तीन मुख्य पेंशन फंड मैनेजर एचडीएफसी, एलआईसी और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल हैं।
इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों, इन तीनों संपदा वर्गों में औसत सालाना प्रतिफल 9.5% से 13% के छोटे दायरे में रहा है। कृपया याद रखें कि पिछला प्रदर्शन भविष्य के प्रतिफल का कोई सूचक नहीं है, और इक्विटी में निवेश शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के अधीन है। हालाँकि, 12% सालाना प्रतिफल मान कर चलने पर उम्मीद है 10 वर्ष बाद आपको 11.5 लाख रुपये मिल सकते हैं।
मै ईएलएसएस फंड (ऐक्सिस लॉन्ग टर्म फंड) में 3,000 रुपये प्रतिमाह का निवेश करता हूँ, मगर यह पिछले एक साल से बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रहा है। क्या इस श्रेणी में लंबी अवधि के लिए यह एक अच्छा फंड है? अगर नहीं तो मुझे लंबी अवधि (कम-से-कम 10 वर्ष ) के लिए एक अच्छे ईएलएसएस फंड का सुझाव दें।
- फरीद खान
ऐक्सिस लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड इस श्रेणी में सबसे बड़ा ईएलएसएस फंड है। इसने 2013, 2014 और 2015 में, यानी लगातार तीन साल तक शीर्ष पर रहते हुए सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। इसका प्रदर्शन 2016 में कमजोर पड़ा, जिसमें यह सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाले फंडों के बीच आ गया। मगर 3 और 5 साल के प्रतिफल में अब भी यह शीर्ष पर है।
हमारे विचार से, आपको हमेशा अलग-अलग एएमसी में पैसा लगा कर अपने निवेश में विविधता लानी चाहिए, ताकि छोटी अवधि में किसी एक योजना या एएमसी के खराब प्रदर्शन से आपके संपूर्ण पोर्टफोलिओ पर कोई असर न पड़े। आपको ऐक्सिस लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड से अपने मौजूदा निवेश की निकासी (रिडीम) नहीं करनी चाहिए। हालाँकि, आप अपनी 3,000 रुपये प्रतिमाह की एसआईपी को निम्न किसी भी फंड में हस्तांतरित कर सकते हैं - डीएसपीबीआर टैक्स सेवर फंड या बिड़ला सनलाइफ टैक्स रिलीफ 96। इन दोनों फंडों ने पिछले 3 से 5 साल की अवधि में लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है।
मैं एक पूर्व फौजी हूँ। मेरा एकमुश्त निवेश एसबीआई मैग्नम बैलेंस्ड फंड, आईसीआईसीआई बैलेंस्ड एडवांटेज फंड, फ्रैंकलिन टेम्पलटन बैलेंस्ड फंड और टाटा बैलेंस्ड फंड में है। इनमें से हरेक में छह लाख रुपये लगे हैं और एसडब्ल्यूपी यानी सिस्टेमैटिक विदड्रॉअल प्लान सालाना 9% पर है। मैं और 10 लाख रुपये का निवेश करना चाहता हूँ, जिसके लिए आपकी सलाह की जरूरत है।
- भास्कर
जिस तरह के इक्विटी आधारित बैलेंस्ड फंड फंडों में आप निवेश कर चुके हैं, उनमें आम तौर पर 60-75% निवेश इक्विटी में और बाकी निवेश डेब्ट में होता है। हालाँकि ऐसा करने से उनका उतार-चढ़ाव शुद्ध इक्विटी फंडों की तुलना में कम हो जाता है, फिर भी यह छोटी अवधि में आपके एसडब्ल्यूपी भुगतान पर प्रभाव डालने के लिए काफी है।
एसडब्ल्यूपी रणनीति के लिए एक फंड चुनते समय, आपको स्थिर और कम उतार-चढ़ाव वाले फंड में निवेश करना चाहिए, भले ही आपको एसडब्लूपी निकासी को थोड़ा कम करना पड़ जाये, मसलन एसडब्ल्यूपी निकासी को 9% प्रतिवर्ष से घटा कर 7% या 8% करना पड़े। आपका मौजूदा निवेश केवल इक्विटी आधारित बैलेंस्ड फंडों में है।
इसलिए अगला एसडब्ल्यूपी मासिक आय योजना (एमआईपी) में रखना विवेकपूर्ण होगा। एमआईपी में 15 से 30% आवंटन इक्विटी में होता है और बाकी ऋण में। इससे उनका प्रतिफल अधिक स्थिर और कम उतार-चढ़ाव वाला होता है, हालाँकि यह प्रतिफल मध्यम से लंबी अवधि में बैलेंस्ड फंडों की तुलना में कम हो सकता है। इन बातों को ध्यान में रख कर आप 10 लाख रुपये का अतिरिक्त निवेश 7% या 8% सालाना एसडब्ल्यूपी के साथ रिलायंस एमआईपी में कर सकते हैं। यह शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव के दौरान कुछ सहारा प्रदान करेगा।
(निवेश मंथन, जनवरी 2017)